13 August 2008

कैसी स्वतंत्रतता ?

साथियों ! आज हमें आजाद हुए ६१ वर्ष हो चुके हैं। जैसे लगता है कि कल ही कि बात है। क्या हमने कभी मंथन किया कि इन बीते वर्षों में हमने क्या खोया और क्या हासिल किया। आज भी लगता ही नही कि हम आजाद हैं। जब हम अपने से छोटे अन्य देशों को देखते हैं तो ख़ुद को बौना पाते हैं। जिस तेजी से उन देशों ने विकास किया है शायद हम तो कभी कर ही न पायें। आज पूरा देश जल रहा है। हमारी सुरक्षा में कोई हर पल सेंध लगाने का भरपूर प्रयास कर रहा है। पर अफसोस कि देश का शासन आँख मूंदकर बैठा है। सिवाय विचारों एवं घोषणा के हाथ पर हाथ रखकर बैठने से कुछ नही होने वाला। एक दुसरे पर आरोप लगाने से या वोटों के राजनीतिक लाभ को ध्यान में रखकर अपना उल्लू सीधा करके सिर्फ़ देश का शासन चलाने की तरकीब जनता खूब जानती है। ओर अंत में सिर्फ़ यही कहूँगा की कल जो कुछ करना है हम सबको ही करना है , चाहे इतिहास ही क्यों न दोहराना पड़े ! - जय हिंद।

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